Menu
blogid : 25556 postid : 1321390

भविष्य का समाजिक पहलू – Contest

SOCIAL
SOCIAL
  • 2 Posts
  • 0 Comment

आने वाले भविष्य का सामाजिक पहलू यह विषय अति रोचक है, जहाँ कुछ जगहों पर खुशियां और प्रकाश देखने को मिलता है वहीँ कुछ जगहों पर हमें घोर अंधकार का भी सामना करना पड़ता है/ आज के भविष्य में बाल्यावस्था से ले कर वृद्धावस्था तक हर प्राणी समाज में होने वाली हलचल से स्तब्ध है, रोज- रोज घट रही अशोचनिये घटनाओं से समाज जहाँ चकित हो रहा है वही दूसरी ओर कहीं न कहीं समाज की कुरीतियों, व्यवहारों से कलंकित भी हो रहा है, ऐसा भी कहना अशहज नही है, कि समाज आने वाले समय में मात्र कुरीतियों को ही उत्प्पन करेगा अपितु वो अति तीव्र ज्ञानी भी उत्पन्य कर सकता है, परंतु रोज कि असहज घटनाओं को देख कर इन्शान के जेहन में सिहरन दैडना स्वाभाविक है/
अब अगर हम बात करें समाज की तो आज – कल की भाग दौड़ में समाज का अर्थ संछिप्त हो गया है बड़े- बड़े शहरो के में रहने वाले कामगीरों को समाज से मनो अलगाव सा हो गया है/
परंतु सवाल यह है कि क्या हम आने वाले भविष्य में समाज को एक सुदृढ़ और सृजनात्मक समाज बना सकते है ? क्या हर व्यक्ति का सामाजिक कार्यशैली में योगदान आवश्यक है ? क्या हमें एक साफ सुथरे समाज कि आवश्यकता नही है? ये सभी विषय विचारणीय हैं,आने वाले भविष्य में समाज का नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलू देखने को मिल सकता है,
समाज मात्र कुरीतियों को उत्पन्न करता है ऐसा कहना लाजमी नही है क्योंकि इसी समाज ने महान साहित्यकार, कलाकार, नेता, और अनेकों शहीद जन्मे हैं, परंतु समाज कि छोटी छोटी घटनाओं का पल भर में बिकराल रूप ले लेना सोच का मुख्य विषय है सामाजिक प्राणी घरों में रास्तों में कितना सुरिक्षत है यह विषय ज्यादा सोचनीय है आज के समय में अनगिनत बढ़ते छेड़खानी, पॉकेटमारी, छीना- झपटी, मार काट, बेरोजगारी, आलश, बदले कि भावना, नशा इन सभी ने समाज को एक अलग ही रूप दे दिया है जिससे आने वाले समय में इन्शान कितना सुरक्षित है इसका अनुमान लगाना बेहद कठिन है/
छोटी -छोटी बातों पर मार पीट करना, शराब पी कर हंगामे करना, बच्चों और लड़कियों को छेड़ना और उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना वर्तमान के काले समाज का प्रत्छ्य उदाहरण है/ मै अब आपको कुछ वास्तविक घटनायों से वाकिफ कराता हूँ – मेरे ही जान पहचान एक लड़की के साथ लगभग ६-७ बार छेड़खानी हुई और उन सब में एक बात कॉमन थी, वो कि छेड़खानी करने वाले उनके जान पहचान के ही थे और उनमे से तो एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर साहब जी भी थे ये सोचनीय विषय है कि एक डॉक्टर अनपढ़ और अनाथ तो होगा नही ! ये अलग बात है कि लड़की के विरोध के बाद वो अपने मनसूबे में कामयाब नही हो सके/
अब हम घटनाओं से आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि हमारे समाज में बदलाव कितना आवश्यक है हमें आवश्यकता है एक ऐसे समाज के निर्माण कि जो कुरीतियों से मुक्त हो और जिस समाज में शारीरिक मानसिक रूप से विछिप्त हो रहे बच्चे, महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें/ हमें आवश्यकता है उन महान पुरुषों के द्वारा किये गये कार्यों को दर्शाने कि प्रदर्शित करने कि जिससे एक स्वछ और सुदृढ़ समाज के स्तम्भ का निर्माण हो सके, इस बिगड़ते समाज में नवयुवकों और युवतियों का योगदान अति आवश्यक है हमें जरुरत है हमारे आस पास होने वाली आकस्मिक घटनाओं से बचने की उन व्यक्ति विशेष के बहिष्कार की जो ऐसे घृणित कार्यों में लिप्त हैं उन्हें सामाजिक मसीह बनाने के बजाय उन्हें समाज से बहिष्कृत करने की/
शिक्षित लोगों का योगदान और उनके नेक कार्यों से ही समाज में होने वाले कुरीतियों को जड़ से मिटाया जा सकता है, जिसका फल आने वाले भविष्य हमारे, हमारे परिवारों और साथ साथ समाज में नए जन्मे उन अनमोल चमकते हीरों को एक उज्वल भविष्य दे सकता है हमारा एक छोटा सा योगदान एक नया इतिहास रच सकता है…अपितु रचेगा.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh